कांच का प्याला
कुछ लोग, वैसे लोग सही शब्द नहीं है उनके लिए
जो ज़िन्दगी का अहम हिस्सा होते है चाहे
ज़िन्दगी भर का साथ लिखा हो या ना… पर ज़िन्दगी भर यादों और किस्सों में रहते है….
एक शाम, अपने घर की सीढ़ियों में बैठी, एक लड़की
सोच रही थी….. कल उस एक खास का बर्थडे है क्या गिफ्ट करू….!!!
तोहफा ….. हर आम इंसान कभी ना कभी किसी ना किसी उम्र में ये सवाल अपने आप से पूछता ही है…. क्या गिफ्ट करू उसे… जो उसे अच्छा लगे…. देख कर खुशी हो…..!
आम इंसान इसलिए क्युकी कुछ खास इंसान भी होते है…. जिनके लिए ये भावनाएं कोई मायने नहीं रखती, कुछ भी भिजवा देते है तोहफे में, पसंद आए ना आए क्या फर्क पड़ता है, जब समझ ही नही की एक तोहफे की क्या अहमियत होगी ।
तोहफा भी एक याद है, एक ऐसी याद जिसे देने वाला सामने हो ना हो… पर उस तोहफे के जरिए वो ना जाने कितनी ही बाते करने लगता है…. कितने ही ख्याल बतलाने लगता है…. कभी कभी तो दिल निकाल के रख देता है अपना तोहफे में …..!!
खेर – लड़की सोच ही रही थी कि क्या तोहफा दे…. की अचानक उसे ख्याल आया…. वो कहता था कि मैं चाय का बड़ा शौकीन हूं…….
फिर क्या था लड़की ने सोचा क्यूं ना एक कांच का प्याला ही दे दूं….. की जब भी चाय पीएगा , उसके जहन में मेरा ख्याल आएगा…. उसने कांच का प्याला ही गिफ्ट किया दिल के शेप वाला…. ।। हा ये दिल का शेप थोड़ा ज्यादा हो गया…. दिल की बात दिल तक पहुंचाना चाहती हो शायद …. ।।।
अब वो जानने को बेकरार की जब उसे वो तोहफा मिलेगा तो उसे पसंद आएगा भी या नहीं…. जब उसने जान लिया की उसे पसन्द आया है तब कहीं जाकर उसने राहत कि सांस ली….
कुछ दिन बाद उसे पता चला कि वो कांच का प्याला जो उसने दिया था , वो टूट गया ….. दुख तो हुआ उसे की एक तो दिल बना हुआ था उसपे से पहला तोहफा भी…. वो भी टूट गया…. जैसे तैसे उसने खुद को संभाल कर कहा कि…. ” क्या हुआ जो टूट गया…. नया ले आएंगे प्याला ही तो है……!
उस लड़की को सोचना चाहिए था, पहला तोहफा दिया वो भी कांच का प्याला जिसका टूट जाना तो पूर्व निश्चित है….
बात इतनी सी थी फिर भी हमारे कुछ ख्याल और कार्य कांच के प्याले से ही होते है, जानते है हम की कुछ हासिल नहीं फिर भी…. अपनी भावनाएं, अपनी खुशी यहां तक कि अपनी उदासी भी उसमे मिला देते है….
नई भावनाए नई सोच आ तो जाएगी पर उस पहले कांच के प्याले सी नहीं होगी…. ।।।।